केंद्र सरकार द्वारा लाक डाउन में वैसे तो बहुत निर्देश जारी किए जा रहे हैं . जिसमें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी दी गई स्वयं प्रधानमंत्री अपने भाषण में देश के नागरिकों से कोरोना महामारी में विभिन्न प्रकार की अपील भी करते हैं जैसे थाली बजवाना दीपक जलवा ना जैसे कार्य देशवासियों से कराएं वही इस कोरोना महामारी में पुलिस विभाग डाक्टर पैरामेडिकल स्टॉप सभी प्रकार के कर्मचारी चाहे व केंद्र शासित हो या राज्य शासन के हो सभी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे हैं ऐसे में केंद्र सरकार कर्मचारियों को उसका मंहगाई देने से इंकार करती हैं लेकिन खुद के सांसदों को भत्ता देने का आदेश देने में पीछे नहीं हट रही है एक और फरमान केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निकाला है जिसमें केंद्रीय कर्मचारी का मार्च 2021 तक प्रत्येक माह में एक दिन का वेतन काट कर प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराने होंगे पूरे एक साल यह केंद्रीय कर्मचारियों का प्रत्येक माह में एक दिन का वेतन काटा जाएगा सिर्फ आर्थिक स्थितियों मैं सुधार सिर्फ कर्मचारियों के वेतन से ही काटकर होगा यह एक बड़ा विचारणीय प्रश्न है जबकि दूसरी और सांसदों के भत्ते बढ़ाये जा रहे हैं
कांग्रेसी नेता लालू अहिरवाल ने मांग कि है जिस तरफ केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा उसी तरह सांसदों को भी विधायको को मिलने वाले मानदेय से प्रतिमाह एक दिन का मानदेय प्रधानमंत्री राहत कोष में देना चाहिए
केंद्रीय कर्मचारी को अब 2021 मार्च तक प्रत्येक माह एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराना होगा