अब डॉक्टरों पर हमला करना बहुत महंगा पड़ेगा
कोरोना किस महामारी में भगवान के दूत बनकर डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ घर घर जाकर अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना पॉजिटिव की पहचान कर उन्हें इलाज हेतु प्रेरित कर रहा है इलाज कर रहा है ऐसे वह मानव धर्म का पालन करते हुए इस महामारी मैं अपने कर्तव्यों का निर्वाहन पूर्ण निष्ठा लगन से कर रहा है देश हित में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका ईश्वरी समान समान है
फिर भी पूरे विश्व में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हो रही घटना चिंता का विषय स्वास्थ्य कर्मी जान हथेली पर लेकर डरते हुए इलाज कर रहा है
वर्तमान में देखा गया है कि कई स्थानों पर तो स्वास्थ्य कर्मियों को जहां करोना वॉरियर्स के रूप में सम्मानित किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर उनके साथ मारपीट उन पर थूकना अपशब्द कहना तथा हमला तक करने की घटनाएं सामने आएगी इन 45 दिनों में डॉक्टरों ने अपने आप को आशा है मैं इसे समझा एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवहान पर कोरोना के मरीज का इलाज कर रहे की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी 22 अप्रैल को कैंडल जलाकर विरोध जताने का निर्णय लिया केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग उक्त आंदोलन को रूकवाया था
23 अप्रैल को महामारी अधिनियम कई बड़े बदलाव हुआ है (1) महामारी अधिनियम 1897 मे भारी बडा बदलाव किया गया देश के स्वास्थ्य सैनिकों के लिए सरकार का यह बड़ा फैसला जिसमें अगर स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करता है तो उसे पाँच लाख तक का जुर्माना एवं उसकी संपत्ति जैसे वाहन एवं क्लिनिक मे तोड़फोड़ करने पर नुकसान करने पर संपत्ति के बाजार गुरु से दोगुनी राशि का भुगतान आरोपी को करना होगा
(2 )पुराने कानून ऐसी घटनाओं का कोई समय सीमा तय नहीं अधिनियम मे फैसला लिया गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करते हुए 30 दिन के अंदर प्रकरण में चार्ज शीट तथा उसके प्रकार गैर जमानती होकर 1 वर्ष के अंदर निराकरण करने का प्रावधान रखा गया है
(3) डॉक्टर के मामले में भी इस अधिनियम किसी भी घटना घटित होने पर आरोपियों को 3 साल की सजा और ₹50 तक जुर्माने का प्रावधान रखा है जिसे वाइलेस अगेंसट हेलथकेयर प्रोफेशनल्स एंड रिप्लेसमेंट एक्ट के तहत या कानून बनाया गया
उक्त विथेयक तो कानून के लिए वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी किंतु गृह मंत्रालय इसे पुनर्विचार के लिए यह कहते हुए लौटा दिया मौजूदा आईपीसी सीआरपीसी मैं इस विधेयक संबंधित पर्याप्त प्रावधान है तथा गृह मंत्रालय उक्त मामले को रोक रखा है
विदेशी देशों में डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के लिए 12 माह की सजा एवं अन्य देशों में 14 साल तक की सजा का प्रावधान गंभीर अपराध की श्रेणी में उक्त कृत्य को लिया गया है
इसे सख्त कानून की आवश्यकता है जो हमारे स्वच्छता के सैनिक स्वास्थ्य के सैनिक पुलिस के योद्धा ऐसी महामारी में भी अपनी जान को जोखिम में डालकर देश हित में कार्य करते हैं उन कानूनों से अपने कार्य में उत्साह के साथ बिना डरे बिना सहमे कार्य कर सके